औरत
वो लड़ रही है,जूझ रही है,
गर्म-सर्द साँसों को पी रही है,
वो टूट रही है,जुड़ रही है,
मिट्टी से रूह तक का सफ़र कर रही है
उससे न कहो कि वो हार जाए,
वो हारती-हारती जीतना सीख रही है।
वो लड़ रही है,जूझ रही है,
गर्म-सर्द साँसों को पी रही है,
वो टूट रही है,जुड़ रही है,
मिट्टी से रूह तक का सफ़र कर रही है
उससे न कहो कि वो हार जाए,
वो हारती-हारती जीतना सीख रही है।