औरत की कविता
पहले कविता लिखने का शौक हुआ करता था,
शादी के बाद सारे शौक धरे के धरे रह गये…
जिस पति के लिए सबको छोड़ दिया था,
उसकी ही वजह से आज अकेले रह गये….
पहले लिखी कविता मे प्यार अपनापन
बारिश मौसम हुआ करते थे….
लिखती तो आज भी हूँ ….
दाल 2 किलो
चावल 5 किलो
आटा 10 किलो
शक्कर 5 किलो
तेल 5 लिटर
और भी बहुत कुछ,
ये एक औरत की कविता है जो चाहती है लिखना
अपने लिए जीना….
पर उलझ गई है कोई नही चाहता वह जिए अपने लिए….
-सुरभी