**औरत का सम्मान हम सबका सम्मान**
माँ बहन बेटी बहु ये रूप अनेकों रखती है !
कोमल कोमल दो हाथों से काम हजारों करती है !!
सारा दिन ये काम करे पर फिर भी नहीं ये थकती है !
औरत ही वो हस्ती है जो हर एक दिल में बसती है !!
हर घर में वास है इसका रूप चाहे फिर जो भी हो !
सबको प्यार ये देती है फिर रिश्ता चाहे जो भी हो !!
अपने और गैर में भेद नहीं मान ये सबका करती है !
अपनी ख़ुशी से ज्यादा ये ध्यान अपनों का रखती है !!
औरत का दिल दरिया है प्यार की ये मूरत है !
छोटा हो या बड़ा चाहे हर जन को इसकी ज़रूरत है !!
माँ बहन बेटी बहु ये करें हजारों काम !
कभी मिलता नहीं अवकाश इन्हें करने को विश्राम !!
क्या फर्ज हमारा नहीं बनता इनको हम सब दें सम्मान ?
इनको हम सब दें सम्मान , इनको हम सब दें सम्मान !!