औरतें
औरतें
खड़े कर रहीं औरतें
बड़े बडे निर्माण
धो पौंछ गाड़ रही
संस्कृति का वितान।
जन्मघुट्टी में देती
संस्कार के सूत्र
साकार का संदेश
जब जनती संतान
चूल्हा चौका करके
खिलाती वह पकवान
स्वच्छता की मसीहा
चमक जाता आसमान
शिक्षा के गलियारों में
बना दिए रोशनदान
कोरोना या कोई भी रोग
सेवा से करती निदान
कई कई सपने बुनती
जब उड़ाती विमान
सीमा पर मुस्तैदी से
संभाल रही कमान
शक्ति स्वरूपा बांटती
वह शक्ति का वरदान
नारी तुम को है नमन
तुम ने जने भगवान।