औरतें
———————
झगड़ रहे बच्चों के झगड़े में
बच्चों की परवाह दिखाकर
झगड़ती औरतें।
मातृत्व से स्खलित औरतें।
माँ की हर सीख आत्मसात् करती
पुत्रियाँ औरतें।
माँ को अपना आदर्श बनाने को
संकल्पित औरतें।
आगत स्थितियों में
माँ के निर्णय स्मरण करती
परिपक्वता बरतती औरतें।
सास के आदेशों की अवहेलना करती
अपना व्यक्तित्व स्थापित करती
बहू औरतें।
गलत निर्णयों को व्याख्यायित करती
जागरूक औरतें।
जेठानी के नक्शे-कदम को साफ-सुथरा करती
सहेली सी देवरानी औरतें।
रसोई में अपना हक बनाती और बताती
सुघड़ गृहस्थिन औरतें।
ननद की परवाह करती
अभिभावक औरतें।
मर्यादा बताती और मर्यादा में
परिवार को सीमित करती
प्रबुद्ध औरतें।
प्रतिकूल परिस्थितियों में
पति के पास खड़ी
पत्नी,सहयोगिनी मर्दानी औरतें।
बुरे कर्म और बुरे विचार पर
पतियों को भी धमकाती
सयानी औरतें।
बलात्कार और अपमान से
बचने हेतु
जौहर करती औरतें।
वतन की बात आए तो
तीर,तलवार,भाले,बम आदि
हाथों में उठाती औरतें।
सेवा,सुषुर्शा करीने से करती
वत्सला औरतें।
गृहस्थी संभालती
लक्ष्मी सी गृहलक्ष्मी चंचला औरतें।
———————————————–