ओ री प्रीत हमे, कमजोर ना कर l
ओ री प्रीत हमे, कमजोर ना कर l
तू इतना धडकन का, शोर ना कर ll
जिन्दगी की दी तड़पन क्या कम है l
तू प्रीत प्यास को, पुरज़ोर ना कर ll
तेरे कारण आये ओ जी रहे l
हम तेरे सहज, हमें ओर ना कर ll
मस्त रहे , सत्य मस्ती रहने दे l
शरारती हरकत पर, गौर ना कर ll
मिलन की सोच, विरह को नोच नोच l
वियोग बेचैनी, घनघोर ना कर ll
ओ री प्रीत हमे, कमजोर ना कर l
तू इतना धडकन का, शोर ना कर ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न