ओ भोले भण्डारी
ओ भोले भण्डारी
तेरी लीला अपरम्पार है
रहते हो कैलाश पर तुम
पर हर जन जन पर रखते ध्यान हो
ओ भोले भण्डारी
तेरी लीला अपरम्पार है
इस जग के हर जन जन को
तुम मानते हो अपना संतान
उन पर कोई कष्ट न आए
तुम रखते हो उसका ध्यान
तेरे नाम के एक अक्षर ऊँ में
छिपा हुआ है सारा ब्रह्माण्ड
ओ भोले भण्डारी
तेरी लीला अपरम्पार है
पीकर तुमने विष का प्याला
दिया हमें है प्राण
तेरे जैसा इस जग मे
दानी नही है यहाँ पर कोई
ओ भोले भण्डारी
तेरी लीला अपरम्पार है
तेरी लीला को समझ सका
कहाँ यह जग संसार है
भक्तो पर सदा ही
तेरी कृपा दृष्टि रहती है
तु कब क्या करेगा
कहाँ जाने यह संसार है।
ओ भोले भण्डारी
तेरी लीला अपरम्पार।।
~अनामिका