Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2024 · 1 min read

ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।

ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
किस बात पर अकड़ रहा तुझको भी समझाता हूँ।
अपनापन बहुत निभाया तूने रजनी दिवस मनाया है।
अविनय हमें शिवकर नहीं यह बात भी बतलाता हूँ।

राम राम के नारों से तुम यह देश जगाने आये हो।
तुम वोटरो से बोतल और बोटी छुडा नहीं पाये हो।
जात पात मे बटते हिंदू को अब तुम जगाने आये थे।
राम की चोखट से भी अपनी सीट नही लापाये हो।

लीलाधर चौबिसा (अनिल)
चित्तौड़गढ़ 9829246588

Language: Hindi
1 Like · 107 Views

You may also like these posts

तीर्थों का राजा प्रयाग
तीर्थों का राजा प्रयाग
Anamika Tiwari 'annpurna '
वो दिन
वो दिन
Naman kumar Jaswal
” मजदूर की जुबानी “
” मजदूर की जुबानी “
ज्योति
"सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं ....
Atul "Krishn"
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
Shashi kala vyas
डिप्रेशन
डिप्रेशन
Ruchi Sharma
!!स्वाद और शुद्धता!!
!!स्वाद और शुद्धता!!
जय लगन कुमार हैप्पी
साया
साया
Harminder Kaur
" बेताबी "
Dr. Kishan tandon kranti
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
अंसार एटवी
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
Meenakshi Masoom
पत्नी होना भी आसान नहीं,
पत्नी होना भी आसान नहीं,
लक्ष्मी सिंह
" मैं तो लिखता जाऊँगा "
DrLakshman Jha Parimal
3736.💐 *पूर्णिका* 💐
3736.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ভালো উপদেশ
ভালো উপদেশ
Arghyadeep Chakraborty
पिपासित
पिपासित
Akash Agam
नये सफर में गये हो जब से  बड़ी शराफत दिखा रहे हो।
नये सफर में गये हो जब से बड़ी शराफत दिखा रहे हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हम और तुम
हम और तुम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
भजभजन- माता के जयकारे -रचनाकार- अरविंद भारद्वाज माता के जयकारे रचनाकार अरविंद
भजभजन- माता के जयकारे -रचनाकार- अरविंद भारद्वाज माता के जयकारे रचनाकार अरविंद
अरविंद भारद्वाज
कविता की आलोचना में कविता
कविता की आलोचना में कविता
Dr MusafiR BaithA
रंग है खुबसूरत जज्बातों का, रौशन हर दिल-घर-द्वार है;
रंग है खुबसूरत जज्बातों का, रौशन हर दिल-घर-द्वार है;
manjula chauhan
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
Subhash Singhai
फूलों की बात हमारे,
फूलों की बात हमारे,
Neeraj Agarwal
..
..
*प्रणय*
इश्क का कमाल है, दिल बेहाल है,
इश्क का कमाल है, दिल बेहाल है,
Rituraj shivem verma
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
आर.एस. 'प्रीतम'
मेरी जिंदगी की दास्ताँ ।
मेरी जिंदगी की दास्ताँ ।
manorath maharaj
प्यारी भाषा हिंदो
प्यारी भाषा हिंदो
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
घाव वो फूल है…..
घाव वो फूल है…..
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
Loading...