ओ! चॅंद्रयान
ओ! चॅंद्रयान
चॅंद्र भी चंचल हुआ , देख चॅंद्रयान का साहस सहर्ष है ।
रोम-रोम पुलकित धरा-गगन, मन में अतिशय उत्कर्ष है।।
धैर्य का परिचय देते वैज्ञानिक, हुआ सफल विज्ञान है।
भारत का परचम लहराता, लैंडर विक्रम रोवर प्रज्ञान है।।
देख रहा है विश्व सारा, चाॅंद पर लहराया तिरंगा प्यारा।
चॅंदा मामा अब अपने घर के, लगता है कितना! प्यारा।।
ओ! चॅंद्रयान तूने कर दिखाया, हर दिल पर अब तू छाया।
दस्तक करते ही चाॅंद पर, देश का कोना-कोना मुस्काया।।
कितना! गौरवशाली दिन, गवाह हूं यही सोच मन हर्षाया।
ओ! चॅंद्रयान तूने, इतिहास के पन्नों पर नाम दर्ज कराया।।
चॅंदा मामा और वसुधा मॉं की, रिश्ता अलौकिक पुराना है।
ओ!चॅंद्रयान तेरी वजह से, लगा रहेगा अब आना-जाना है।।
कभी तुम आना-कभी हम आएंगे, खीर पूरी मिल पकाएंगे।
चॅंदा मामा अब अपने घर के, यही गीत ख़ुशी ख़ुशी गाएंगे।।
Rachana kar kavita Verma