ओह ! तो ये बात है —-तंज
ओह ! तो ये बात है
ईमानदारों के लिए सूखा
बईमानों पर बरसात है
ओह ! तो ये बात है…..
भृष्टों के लिए दिन
उत्कृष्ठों के लिए रात है
ओह ! तो ये बात है…..
अत्याचारों की बिसात है
हत्यारों को सौगात है
ओह ! तो ये बात है……
लायकों को बहुत अल्प
नालायकों को खैरात है
ओह ! तो ये बात है……
सज्जन फटेहाल है
दुर्जनों को जेवरात है
ओह ! तो ये बात है……
निष्कपटों को पृथक
लुटेरों की जात है
ओह ! तो ये बात है……
काहिलों को सिफारिश
मेधावियों को लात है
ओह ! तो ये बात है…..
अभद्रों को पंचाट
भद्रों पर घात है
ओह! तो ये बात है…..
शेरों को घास
गधों की औकात है
ओह ! तो ये बात है….
बेगुनाहों को मात है
गुनाहगारों की जमात है
ओह ! तो ये बात है…..
अपनों को लात
गैरों को भात है
ओह ! तो ये बात है…..
बैरियों को हाथ
हितैषियों को आघात है
ओह ! तो ये बात है…..
संतति में विगति
मन में जात-पात है
ओह ! तो ये बात है…..
प्रेम-प्रसंग पर दंभ
उन्मादों की बरात है
ओह ! तो ये बात है…..
___अजय “अग्यार