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16 Apr 2022 · 1 min read

ओम लिखा है

भक्ति भाव भाव से ओत – प्रोत मन
प्रभु चरित्र का व्योम लिखा है
मन में उपजे हर कलुष विचार का
भक्ति में आहुति होम लिखा है
शब्द असंख्य लिखे ही क्यों
जब जर्रे -जर्रे पर ओम लिखा है
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
200 Views
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