Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2021 · 2 min read

“ऑल -राउंडर “

डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
===============
व्यक्तित्वक विकास मे रूचि ( हॉबी ) एक्सरा केरीकुलर एक्टिविटीज क स्थान सर्वोपरि मानल गेल अछि ! किनको गीत सुनबाक हॉबी छैनि ..कियो गीत गबैत छथि ..किनको किताब सं प्रेम छनि..कियो कविता लिखैत छथि..किनको चित्रकारिता सं सिनेह छनि..कियो फोटोग्राफी सं जुडल छथि..किनको घुमनाई पसंद छैनि इत्यादि …..इत्यादि !
खाली समयक उपयोगिता अपना आनंद प्राप्ति क लेल अप्पन- अप्पन लोग हॉबी चुनैत अछि ! आई ० ए० एस ,….. आई ० पी ० एस .. एलाइड सर्विसेज ..डॉक्टर ..इंजिनियर ..सेना अधिकारी सभहक बायोडाटा मे एकर कॉलम होइत छैक आ एहि विषय क विस्तार पूर्वक साक्षात्कार मे पूछल जाइत छैक ! एकर बिना हम सफल नेतृत्व क अभिलाषा नहि क सकैत छी ! …
आब “एक्सरा केरीकुलर एक्टिविटीज ” जाहि मे ग्रुप डिस्कशन ..लेक्चर …अभिनय …सांस्कृतिक कार्यक्रम सेहो देखल जाइत छैक ! सफल नेतृत्व क लेल एहि उपक्रम कें नजर अंदाज नहि क सकैत छी !
तेसर श्रेणी मे गेम्स आ स्पोर्ट्स क स्थान छैक मुदा महत्व एक समान ! इंडोर गेम्स हम खेलैत छी..आउटडोर गेम्स खेलैत छी तखने आहांक महत्व अन्यथा
आहां कें महत्वहीन बुझल जायत !
एहि भांज मे नहि रहू कि अपना पुत्र आ पुत्री कें खाली किताबे सं बान्हीं काल कोठरी मे बंद केने रहू आ अपेक्षा अनंत राखि ! जेते विधाक चर्चा भेल….. इ कतो कथमपि हमरलोकनिक प्रोफेशन मे अवरोधक नहि होइत छैक ! दू रंगक गप्प नहि हेबाक चाहि ! अप्पन संतान सब गुण संपन्न हुये आ हम आन सं प्रश्न करि “-आहां यदि एहि विधा मे लागल रहब त प्रोफेशन केना चलत ?..आ नहि चलत !
आहां स्वतंत्र छी ..अप्पन व्यक्तित्व कें केना चमकायब ! प्रत्येक व्यक्ति आल- राउंडर बनय चाहेत अछि तकरा बोल भरोसक अपेक्षा रहित छैक ..आलोचना क नहि !
===================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
दुमका

Language: Maithili
Tag: लेख
204 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कहती जो तू प्यार से
कहती जो तू प्यार से
The_dk_poetry
भगतसिंह की क़लम
भगतसिंह की क़लम
Shekhar Chandra Mitra
Live in Present
Live in Present
Satbir Singh Sidhu
💐प्रेम कौतुक-488💐
💐प्रेम कौतुक-488💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मकरंद
मकरंद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
धन जमा करने की प्रवृत्ति मनुष्य को सदैव असंतुष्ट ही रखता है।
धन जमा करने की प्रवृत्ति मनुष्य को सदैव असंतुष्ट ही रखता है।
Paras Nath Jha
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
Sarfaraz Ahmed Aasee
* न मुझको चाह महलों की, मुझे बस एक घर देना 【मुक्तक 】*
* न मुझको चाह महलों की, मुझे बस एक घर देना 【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
किसी को नीचा दिखाना , किसी पर हावी होना ,  किसी को नुकसान पह
किसी को नीचा दिखाना , किसी पर हावी होना , किसी को नुकसान पह
Seema Verma
वसंत
वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Khamoshi bhi apni juban rakhti h
Khamoshi bhi apni juban rakhti h
Sakshi Tripathi
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
करीब हो तुम मगर
करीब हो तुम मगर
Surinder blackpen
वह सिर्फ पिता होता है
वह सिर्फ पिता होता है
Dinesh Gupta
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मछली कब पीती है पानी,
मछली कब पीती है पानी,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मै जो कुछ हु वही कुछ हु।
मै जो कुछ हु वही कुछ हु।
पूर्वार्थ
हरित - वसुंधरा।
हरित - वसुंधरा।
Anil Mishra Prahari
मेरी औकात
मेरी औकात
साहित्य गौरव
स्याही की मुझे जरूरत नही
स्याही की मुझे जरूरत नही
Aarti sirsat
"जीना"
Dr. Kishan tandon kranti
ये नोनी के दाई
ये नोनी के दाई
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कोशिश करना छोरो मत,
कोशिश करना छोरो मत,
Ranjeet kumar patre
अफसाने
अफसाने
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
टूटी हुई कलम को
टूटी हुई कलम को
Anil chobisa
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है उसको दूसरा कोई कि
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है उसको दूसरा कोई कि
Rj Anand Prajapati
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
Dr MusafiR BaithA
वो काल है - कपाल है,
वो काल है - कपाल है,
manjula chauhan
#जी_का_जंजाल
#जी_का_जंजाल
*Author प्रणय प्रभात*
🚩एकांत महान
🚩एकांत महान
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...