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30 Apr 2017 · 1 min read

ऑगन में भी चहके – महकें ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद

ऑगन में भी चहकें- महकें ।
अमृत भर गागर से छलकें ।।

अच्छाई को रोशन करके ।
नयी उमंगें मन में भरकर।
कमल वतन के इस उपवन में
खिले- खिले फूलों से महकें ।।

दीन- हीन हम उच्च शीर्ष पर
वरद हस्त निज निर्मल धरकर
प्रेम भाव पल- प्रति- पल रखके
उसके भी दिल में हम धडकें ।।
— जितेन्द्र कमल आनंद रामपुर उ प्र ३०-४-१७

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 334 Views

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