ऐ सुनो!!
ऐ सुनो!!
मुझको कुछ कहना है,
संग तुम्हारे रहना है।
डोर संग पतंग सा,
गीत संग तरंग सा।
नींद संग ख़्वाब सा,
कातिब संग क़िताब सा।
तारों संग क़मर सा,
पत्तों संग शज़र सा।
दिल के संग धड़कन सा,
नयनों संग चितवन सा।
जिस्म संग जान सा,
नक़्श संग पहचान सा।
मुझको यही कहना है,
संग तुम्हारे रहना है।
ऐ सुनो!!
(विवेक बिजनोरी)