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8 Jul 2023 · 1 min read

ऐ सावन अब आ जाना

सावन जो तू आया ही है
मेरे घर भी आ जाना ।
रिमझिम रिमझिम तृप्ति बूंद कुछ
मेरे घर बरसा जाना ।
कब से सूना रिक्त पड़ा घर
अतिथि कोई भी आया ना ।
तू अपने टिप – टिप कदमों से
कोई अनहद नाद बजा जाना ।
ऐ सावन यदि न आया तू
ये हृदय सूख सब जायेगा ।
सामर्थ्य वपन की खोकर फिर
अस्तित्व मरू हो जायेगा ।
धू-धू कर चिता जलेंगी सब
रह-रहकर मेरे स्वप्नों की ।
मर्मान्तक दृश्य मेरे उर का
जीवन कैसे लख पायेगा ?

Language: Hindi
1 Like · 233 Views
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