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18 Sep 2016 · 1 min read

ऐ सनम हम को कभी ना आजमाना/मंदीप

ऐ सनम हम को कभी ना आजमाना/मंदीप

ऐ सनम हम को कभी ना आजमाना,
वरना दोबारा कभी लौट कर नही आयेगे,

दिखूं ना फिर दोबारा कभी तुझे ,
तेरे दो नयन जी भर आँसु बहायेंगे।

जहाँ से भी गुजरोगी जब भी तुम ,
साथ बिताये हुऐ पल मेरे तुम्हे बहुत सतायेंगे।

कोशिस मर्जी जितनी कर लेना तुम,
मुझे दिल से कभी नही निकाल पाओगे।

थाम ना सको अपने आप को कभी
मेरे जनाजे को तुम गले से लगाओगे।

मर कर भी “मंदीप” रहेगा जिन्दा,
हम तेरे आस पास हमेसा नजर आयेगे।

मंदीपसाई

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