ऐ वक़्त फिर लौट आओ तुम…
हो जाओ खुद मुझ जैसा,
या अपना-सा बनाओ तुम।
मिटाओ अधूरी ज़िन्दगी को,
या मुकम्मल कर जाओ तुम।
मुश्किल है अकेले चलना,
गिराओ या थोड़ा संभलाओ तुम।
बन जाओ आदत मेरी,
या खुद कि आदत मुझे बनाओ तुम ।
रंग जाओ हर रंग में मेरे
या अकेला कर जाओ तुम ।
यादगार है जो गुजर गया,
ऐ वक़्त फिर कहीँ से लौट आओ तुम।
**##@@कपिल जैन@@##**