ऐ वसुत्व अर्ज किया है….
ऐ वसुत्व अर्ज किया है….
वक्त का समन्दर थमने ना देंगे
खुशियां लौट जाये ये होने ना देंगे
ऐ वसुत्व के रखवाले नर
सुरेखात्व को वसुत्व से जुद़ा ना होने देंगे
****सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा****
ऐ वसुत्व अर्ज किया है….
वक्त का समन्दर थमने ना देंगे
खुशियां लौट जाये ये होने ना देंगे
ऐ वसुत्व के रखवाले नर
सुरेखात्व को वसुत्व से जुद़ा ना होने देंगे
****सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा****