ऐ राह के मुसाफिर
ऐ राह के मुसाफिर
रास्ते हैं कठिन, चलना संभल-संभल के
राह में तेरी
पत्थर से होगी मिलन
हर पत्थर को तू बना धूल
बढ़ते रहना, चलते रहना
ऐ राह के मुसाफिर।
राह भरी पड़ी होगी शूलों से
ऐ राह के मुसाफिर
अपने कदमों तले तू दबा देना हर शूलों को,
बढ़ते रहना, चलते रहना
ऐ राह के मुसाफिर।
आगे पहाड़ भी आएगा
तेरी राह में बनकर बाधा
तू करना पार हर पहाड़ को
बढ़ते रहना, चलते रहना
ऐ राह के मुसाफिर।
रास्ते में तुफां भी आएगा
और तुझसे टकराएगा
तुझे बार-बार पीछे ले जाना चाहेगा
मगर ऐ राह के मुसाफिर,
हिम्मत मत हारना
संघर्ष पथ से तुम मत भागना
अपने श्रमजल से आगे को बढ़ते रहना
जलते रहना, चलते रहना
ऐ राह के मुसाफिर।