ऐ मेरे प्यारे गुलमोहर के पेड़ के फूलों
ऐ मेरे प्यारे
गुलमोहर के पेड़ के
फूलों
तुम इस पेड़ की डाल पर
कब तक लटके रहोगे
हवा के आते जाते झोंकों के
संग संग
झुलते रहोगे
मेरी आंखों को ठंडक देते रहोगे
मेरे दिल के अहाते से जुड़े रहोगे
मेरे हृदय में एक सूरज के प्रकाश से
लाल लाल दहकते अंगारों से ही
उदय होकर प्रकाशित होते रहोगे।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001