ऐ मेरे खुदाया तुने कयुँ इतना भेद बनाया
ऐ मेरे खुदाया तुने कयुँ इतना भेद बनाया
किसी को इतनी खुशी देदी. तो किसी पर इतना गम बरसाया .
किसी को रात दिन तरक्की देदी.
तो किसी को दो वक़्त कि रोटी के लिए तरसाया.
ऐ मेरे खुदाया तुने कयुँ इतना भेद बनाया.
किसी को प्रेम का सागर दे दिया.
तो किसी के दो बुंद प्रेम के लिए रूलाया.
ऐ मेरे खुदाया तुने कयुँ इतना भेद बनाया.