ऐ मन रख खुश तू मन
बता रे मन,
क्या है तेरा मन,
पल में तू हँसता,
पल में तू रोता,
तेरी असीमित चाह,
तेरी अनगिनत राह,
कभी धरा पर,
कभी गगन पार,
नही करता तू विश्राम,
बता दे तेरा तू धाम,
न तुझे गर्मी लगती,
न तुझे सर्दी लगती,
भूख और प्यास से तू परे,
बता क्या है तेरे मन मे भरे,
जब मनचाहे न होते काज,
हो जाता है तू बड़ा उदास,
कितना तुझको समझाऊ,
बता कैसे तुझको मनाऊँ,
हार गया तू, फिर निश्चय हार,
फिर न आती जग में बहार,
ऐ मेरे मन रख तू विश्वास,
तुझसे ही जुड़ी मेरी श्वास,
ऐ मन रख खुश तू मन,
देख झूम उठेगा मेरा तन,
।।।जेपीएल।।।