**** ऐ दोस्त ! ****
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नजरों का ये दावा है ,
कोई खुबसूरत तो कोई दिखावा है ।
ये तो समय – समय की बात है दोस्त ,
कभी धूप तो कभी छाया है ।
पर ये कभी ना भूलना दोस्त ,
ये शरीर तो सिर्फ छलावा है ।
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? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली