ऐ जिन्दगी
न जिया जाये
न मरा जाये
ऐ जिन्दगी
फिर तू ही बता
क्या किया जाये
कितने भी सवाल पूछे
जवाब न हां मिले
न ही न मिले
सवालों की भरमार है
बौछार है पर
जवाबों के सिलसिलों का
न कहीं
नामोनिशान है
जिन्दगी तू कभी बोर
लगती है
कभी दिलचस्प
तू ही बता
तेरा दोस्त बना जाये या
दुश्मन बना जाये
तुझसे वफा करूं या
बेवफाई
या तेरा हाथ छोड़ दूं और
मौत के गले लगूं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001