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11 Dec 2023 · 1 min read

ऐ जिंदगी

हर ख्वाहिश कहां किसी की पूरी है, ज़रा ही सही जिंदगी सबकी अधूरी है।
महफिल तेरी है तो किस्से भी तेरे होंगे, मुझे दिल का दर्द सुनाने की मंजूरी है।
मुस्कुराहटों को किसी की नजर न लगे, चेहरे पे थोड़ी ये… मायूसी भी जरूरी है।
अकसर कर लेता हूं भरोसा मैं सभी पर, बस यही आदत है… जो मुझमें बुरी है।
यूं ही छोड़ जाना तेरा कोई बहाना नही, कुछ तेरी बेबसी है कुछ मेरी मजबूरी है।
हर रिश्तों में थोड़ा जहर सा घुल गया, हर पहर साथ होकर भी मीलों की दूरी है।✍🏻
अनिल “आदर्श”

Language: Hindi
534 Views
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