ऐ ज़िन्दगी तुझे
ऐ ज़िन्दगी
तुझे ख़ोकर ही
ज़िन्दगी समझी
गुज़रते वक़्त के
लम्हों की
अहमियत समझी
जो आज है,
वही बस
आज है अपना
कहां किसी ने
इस बात की
अहमियत समझी ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
ऐ ज़िन्दगी
तुझे ख़ोकर ही
ज़िन्दगी समझी
गुज़रते वक़्त के
लम्हों की
अहमियत समझी
जो आज है,
वही बस
आज है अपना
कहां किसी ने
इस बात की
अहमियत समझी ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद