अच्छा लगा।
अजनबी थे जो आप हमारे लिए,
यूं दोस्त बनकर मिलना अच्छा लगा !
बचपने की हरकत तो नहीं करता मैं,
पर आपके सामने वो भी करके अच्छा लगा !
यूं तो कहीं भी समय नहीं व्यर्थ करता मैं,
पर आपके साथ समय व्यर्थ करना अच्छा लगा !
यूं तो नहीं करता साझा मैं सबसे अपनी बातें,
आपसे अपनी बातें बता कर भी अच्छा लगा !
यूं तो अजनबियों को भूल जाता हूं अक्सर,
पर आपको याद रखना अच्छा लगा !
बेशक सागर से गहरी है दोस्ती आपकी,
तैरना तो आता है पर डूबना अच्छा लगा ।।
©अभिषेक पाण्डेय अभि