ऐ गंगा माँ तुम में खोने का मन करता है…
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
गंगा की लहरें
हवाओं का बहना
नदियाँ में पैर
और मन में जुनून
चेहरे पर चमक
और दिल में ख़ुशी
सच में, माँ की गोद सा
मिलता है नदियों के पास
हर पल सुकून
पावन पवित्र निर्मल
माँ के पास हर बार
रहने को मन करता है
ऐ गंगा माँ तुम में
खोने का मन करता है…