ऐ खुदा जाने
चंद खुशियो के बदले बेशुमार गम दिया है
ऐ खुदा जाने केसा ये सनम दिया है
एक आह को जाने कितना मरहम दिया है
ऐ खुदा जाने क्यों अब गहरा ज़ख्म दिया है
इश्क़ दिखती खुशि है , मगर हर गम दिया है
ऐ खुदा जाने क्यों जालिम इश्क़ को जन्म दिया है
ठोकरे राहो में मिली उसने सहारा हरदम दिया है
ऐ खुदा बदली ना राहे फिर भी क्यों फासला एक दम दिया है
चाहा हमने है उनको चाहत उसे अब नही हमारी
ऐ खुदा जाने वो होगी हमारी ये वहम दिया है