ऐहतराम करते रहो
एक दूसरे का ऐहतराम करते रहो
यूँ ही मिल जुल के काम करते रहो
दुनियादारी की फ़िक्र करो लेकिन
आख़िरत का भी इंतज़ाम करते रहो
अच्छे अख़लाक़ से हर कोई मुतास्सिर होता है
जो मिले सबसे दुआ सलाम करते रहो
एक दूसरे का ऐहतराम करते रहो
यूँ ही मिल जुल के काम करते रहो
दुनियादारी की फ़िक्र करो लेकिन
आख़िरत का भी इंतज़ाम करते रहो
अच्छे अख़लाक़ से हर कोई मुतास्सिर होता है
जो मिले सबसे दुआ सलाम करते रहो