ऐसे ही चले जाना है l
मिट्टी के शरीर को ,
एक दिन खाक हो जाना है l
जिसमें जन्म लिया है ,
उसी में मिल जाना है l
जोड़े कितना ही यह धन ,
साथ कुछ नहीं जाना है l
शरीर ने आत्मा को छोड़ कर जाना है ,
जिस मोह से बंधे ये रिश्ते ,
वे भी यह रह जाने है l
नंग -धडंग आये थे ,
ऐसे ही चले जाना है l