ऐसे रिश्तों के बिना
तुम्हीं से दोस्ती
तुम्हीं से बैर
तू आता है पास
तो झगड़ा शुरू
तू जाता है दूर
तो एक पल को
दिल को मिलता नहीं सुकूं
कुछ रिश्ते
जीवन में
ऐसे ही अजीब होते हैं
एक धागे से
एक डोर से
कभी उलझते हैं
कभी सुलझते हैं
कभी टूटते हैं
कभी जुड़ते हैं
कभी हंसते हैं
कभी रोते हैं
कभी सजते हैं
कभी बिखरते हैं
कभी रेशम से होते हैं
कभी खद्दर की चादर से
कभी फूल से होते हैं
कभी कांटे से
कभी पूजनीय लगते हैं तो
कभी निंदनीय
कभी बंधते हैं
कभी खुल जाते हैं
कभी फैलते हैं तो
कभी सिकुड़ जाते हैं
कभी मिलते हैं
कभी बिछड़ते हैं
कभी रेंगते हैं तो
कभी चलते हैं
कभी भागते हैं तो
कभी ठहरते हैं
कभी गिरते हैं तो
कभी सम्भलते हैं
कभी उड़ते हैं तो
कभी तैरते हैं
कभी गले लगाते हैं तो
कभी गला काटते हैं
कभी मनाते हैं तो
कभी धिक्कारते हैं
कभी लुभाते हैं तो
कभी रास नहीं आते हैं
कभी आसमान पर बिठाते हैं
कभी धक्का देकर नीचे ही गिराते हैं
कभी पुचकारते हैं
कभी फटकार लगाते हैं
कभी अपने लगते हैं
कभी एकदम से पराये
कभी अपना एक हिस्सा लगते हैं
कभी अपने से बिल्कुल जुदा
कभी दिल की धड़कन होते हैं
कभी सांसों की तपिश
कभी खुश होते हैं तो
कभी नाराज
कभी करीब आते हैं तो
कभी दूर भाग जाते हैं
कभी एक पल उनके बिना चैन नहीं
कभी कर देते बेचैन
कभी दोस्ती निभाते हैं
कभी दुश्मन बन ठुकराते हैं
कभी सुंदर रूप लिए होते हैं तो
कभी कुरूपता की हद पार कर जाते हैं
कभी अच्छे
कभी बुरे
कभी खट्टे
कभी मीठे
एक जीवन के अनुभव से
कभी उतार
कभी चढ़ाव
कभी सूरज से गरम
कभी चांद से ठंडे
कभी सारी कायनात
कभी एक कतरा किसी
कण का भी नहीं
कभी सोना
कभी मिट्टी
कभी प्रेम
कभी तृष्णा
कभी अग्नि
कभी जल
कभी मानव
कभी दानव
कभी भगवान
कभी शैतान
कभी इंसान
कभी पशु
लेकिन यह सच
कड़वा है तो
मीठा भी कि
ऐसे रिश्तों के बिना
जिन्दगी जीने में
कोई रस नहीं
कोई मजा नहीं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001