Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2024 · 1 min read

ऐसे प्रश्न कई है

ऐसे प्रश्न कई हैं
*************”******”*************

ऐसे प्रश्न कई हैं जिनका उत्तर मेरे पास नहीं है

तुमको मुझ पर मुझको खुद पर अब शायद विश्वास नही है
,
शिशु ने सहज भाव से पूछा

,,,,,,,,,,,,,,,,,, कहां नहीं धरती पर अंबर

कैसे मैं उसको समझाता

,,,,,,,,,,,,,,,,,, प्रश्न तुम्हारा सचमुच दुष्कर

वरद हस्त जिसके मस्तक पर नहीं रहा मां और पिता का

समझो उसे अभागा उसकी धरती पर आकाश नहीं है

ऐसे प्रश्न कई हैं जिनका उत्तर मेरे पास नहीं है

कवि ने पूछा क्या अंतर है

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, भंवरे में और गुबरीले में

मुझे लगा जो है यथार्थ में

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, और काल्पनिक सपनीले में

एक सतत श्रम से जीवित है और दूसरा पराश्रयी है

वह है महज बोझ उपवन पर उसको यह आभास नहीं है

ऐसे प्रश्न कई हैं जिनका उत्तर मेरे पास नहीं है

मुझसे मेरे मन ने पूछा

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, क्या है अपना और पराया

मुझे लगा बस वह अपना है

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, काम समय पर जो भी आया

जिसने कोरे आश्वासन दें विदा किया भूखे याचक को

उसका है मनुजत्व अधूरा उससे कोई आस नहीं है

ऐसे प्रश्न कई हैं जिनका उत्तर मेरे पास नहीं है

तुमको मुझ पर मुझको खुद पर अब शायद विश्वास नहीं है
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव

41 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manoj Shrivastava
View all

You may also like these posts

" परदेशी पिया "
Pushpraj Anant
कहाँ रूठ कर?
कहाँ रूठ कर?
Rambali Mishra
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
उठो मुसाफिर कुछ कम करो
उठो मुसाफिर कुछ कम करो
कार्तिक नितिन शर्मा
Bad in good
Bad in good
Bidyadhar Mantry
मिडल क्लास
मिडल क्लास
Deepali Kalra
बोलो जय सिया राम
बोलो जय सिया राम
उमा झा
आसाराम बापू पर एक कविता / मुसाफ़िर बैठा
आसाराम बापू पर एक कविता / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
आर.एस. 'प्रीतम'
चाहतों की सेज न थी, किंतु ख्वाबों  का गगन था.....
चाहतों की सेज न थी, किंतु ख्वाबों का गगन था.....
दीपक झा रुद्रा
तकलीफ ना होगी मरने मे
तकलीफ ना होगी मरने मे
Anil chobisa
कहीं दूर चले आए हैं घर से
कहीं दूर चले आए हैं घर से
पूर्वार्थ
आरोप प्रत्यारोप
आरोप प्रत्यारोप
Chitra Bisht
नवयुग निर्माण में हमारे सपने
नवयुग निर्माण में हमारे सपने
Sudhir srivastava
..
..
*प्रणय*
दुनिया में लोग ज्यादा सम्पर्क (contact) बनाते हैं रिश्ते नही
दुनिया में लोग ज्यादा सम्पर्क (contact) बनाते हैं रिश्ते नही
Lokesh Sharma
तेवरी का आस्वादन +रमेशराज
तेवरी का आस्वादन +रमेशराज
कवि रमेशराज
जीवन में जो समझ खाली पेट और खाली जेब सिखाती है वह कोई और नही
जीवन में जो समझ खाली पेट और खाली जेब सिखाती है वह कोई और नही
ललकार भारद्वाज
अश्क मुस्कुरा दें ....
अश्क मुस्कुरा दें ....
sushil sarna
"हँसते ज़ख्म"
Dr. Kishan tandon kranti
गाँधी जी की अंगूठी (काव्य
गाँधी जी की अंगूठी (काव्य
Ravi Prakash
3806.💐 *पूर्णिका* 💐
3806.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जहाँ सूर्य की किरण हो वहीं प्रकाश होता है,
जहाँ सूर्य की किरण हो वहीं प्रकाश होता है,
Ranjeet kumar patre
I.N.D.I.A
I.N.D.I.A
Sanjay ' शून्य'
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
विषय-हारी मैं जीवन से।
विषय-हारी मैं जीवन से।
Priya princess panwar
अतीत याद आता है
अतीत याद आता है
Sumangal Singh Sikarwar
देवदूत
देवदूत
Shashi Mahajan
- विचित्र सी दुनिया -
- विचित्र सी दुनिया -
bharat gehlot
आँगन मधुबन करते जाओ
आँगन मधुबन करते जाओ
Ashok deep
Loading...