ऐसे दीप जलाओ यारों
ऐसे दीप जलाओ यारों
अँधेरे का सर्वनाश हो ,
अब न रहे कोई निरक्षर,
शिक्षा का ऐसा प्रसार हो|
जात पात भाषा के लफड़े ,
ऊँच- नीच, धर्म के झगडे,
ये सब हैं बेकार की बातें,
इनको दूर भगाओ यारों|
कोई झूठ ना बोले जग में,
मेल मिलाप हो रब- रब में,
ऐसी अलख जगाओ यारों,
सबसे प्यार बढ़ाओ यारों |