Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2023 · 1 min read

ऐसे कैसे गीत ___ मुक्तक

हर कोई तो यहां पर गाने लगा।
साज देखा नही वह बजाने लगा।
ऐसे कैसे गीत कानों को सुनने पड़े।
भूले विरासत यह क्या भाने लगा।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
2 Likes · 109 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चले न कोई साथ जब,
चले न कोई साथ जब,
sushil sarna
ये दुनिया थोड़ी टेढ़ी है, तू भी बगल कटारी रख (हिंदी गजल/गीति
ये दुनिया थोड़ी टेढ़ी है, तू भी बगल कटारी रख (हिंदी गजल/गीति
Ravi Prakash
Let your thoughts
Let your thoughts
Dhriti Mishra
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
DrLakshman Jha Parimal
सम्मान गुरु का कीजिए
सम्मान गुरु का कीजिए
Harminder Kaur
अक्सर मां-बाप
अक्सर मां-बाप
Indu Singh
मन का कारागार
मन का कारागार
Pooja Singh
नए वर्ष की इस पावन बेला में
नए वर्ष की इस पावन बेला में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यादों के झरोखों से...
यादों के झरोखों से...
मनोज कर्ण
।। धन तेरस ।।
।। धन तेरस ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
कैसे कह दूं पंडित हूँ
कैसे कह दूं पंडित हूँ
Satish Srijan
One-sided love
One-sided love
Bidyadhar Mantry
"कष्ट"
नेताम आर सी
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
Sûrëkhâ
"फूल"
Dr. Kishan tandon kranti
बची रहे संवेदना...
बची रहे संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
VINOD CHAUHAN
■ आज का आख़िरी शेर-
■ आज का आख़िरी शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
शब्दों से बनती है शायरी
शब्दों से बनती है शायरी
Pankaj Sen
अपने मन मंदिर में, मुझे रखना, मेरे मन मंदिर में सिर्फ़ तुम रहना…
अपने मन मंदिर में, मुझे रखना, मेरे मन मंदिर में सिर्फ़ तुम रहना…
Anand Kumar
नववर्ष 2024 की अशेष हार्दिक शुभकामनाएँ(Happy New year 2024)
नववर्ष 2024 की अशेष हार्दिक शुभकामनाएँ(Happy New year 2024)
आर.एस. 'प्रीतम'
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मत याद करो बीते पल को
मत याद करो बीते पल को
Surya Barman
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
gurudeenverma198
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
डी. के. निवातिया
*बहू- बेटी- तलाक*
*बहू- बेटी- तलाक*
Radhakishan R. Mundhra
आज़ादी के दीवाने
आज़ादी के दीवाने
करन ''केसरा''
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
****जानकी****
****जानकी****
Kavita Chouhan
Loading...