ऐसे ऐसे मत डोल ___ घनाक्षरी
ऐसे ऐसे मत डोल, समय का होता मोल।
इसकी कीमत यारा, तुझे पहचानना।।
समय के काम कर तू समय से अपने ।
आएगा न समय ये, इतना तू जानना ।।
भटके न राह तेरी, आरजू यही है मेरी ।
करना न कभी देरी, खुद को संभालना।।
तु सफल हो जाएगा ,मंजिल तेरी पाएगा।
आनन्द भी तो आएगा, “अनुनय” मानना।।
*****राजेश व्यास अनुनय******