ऐसी हो बरसात
शब्द-शब्द में सुर बसे प्रेम सुखद प्रभात,
कौआ के मुख मिश्री घुले कोयल गए गीत।
सावन बरसे मनवा भीगे,बिछडे मीत मिलें सब साथ,
प्रीत की उमंग खिले सब ओर ,ऐसी हो बरसात।
शब्द-शब्द में सुर बसे प्रेम सुखद प्रभात,
कौआ के मुख मिश्री घुले कोयल गए गीत।
सावन बरसे मनवा भीगे,बिछडे मीत मिलें सब साथ,
प्रीत की उमंग खिले सब ओर ,ऐसी हो बरसात।