“ऐसी बस माँ ही होती है”
“ऐसी बस माँ ही होती है”
*********************
जब ईश्वर ने इस धरती को अनुपम जीवन उपहार दिया।
अपने पावन निज हाथों से धरती को साज संवार दिया।
ममता करुणा स्नेह बिना यह धरती बहुत अधूरी थी,
यही सोच प्रभु ने धीरे से धरती पर माँ को उतार दिया।
अपने आंचल की छांव तले ममता जो सदा संजोती है।
ऐसी बस माँ ही होती है। ऐसी बस माँ ही होती है।
माँ जैसा निश्छल प्रेम हमें कोई दूजा नहीं कर सकता है।
ममता की मृदुल छांव बिना कोई कैसे यहां तर सकता है।
दुनिया भर की दौलत भी हमें मिल जाए तो बेमानी है।
माँ की कमी इस दुनिया में कोई दूजा नहीं भर सकता है।
खुश हैं बच्चे खुश होती है बच्चे रोएं तो रोती है।
ऐसी बस माँ ही होती है। ऐसी बस माँ ही होती है।
जब भी रोए हम रातों को माँ ने थपका कर सुला दिया।
नींद न आई जब हमको आंचल में अपने झुला दिया।
चंचल मन जिद पर उतरा तो पैरों पर माँ के लिपट गए।
लोरी गाकर तब माँ ने ही चंदा मामा को बुला दिया।
सबसे पहले घर में उठकर सबसे आखिर जो सोती है।
ऐसी बस माँ ही होती है। ऐसी बस माँ ही होती है।
******************
द्वारा:-केवल आनंद शर्मा मीत
जिला नीमच (मध्यप्रदेश)