ऐसी दीपावली मनाएँ..….
ऐसी दीपावली मनाएँ
अंधकार फिर दूर हो जाए
ईर्ष्या, द्वेष,निराशा से परे
प्रेम,उल्लास से ये मन भरे
तमस,अत्याचारों व दुखों से
दूर प्रखर दीप्ति शुभारम्भ हो
दीपक मन के भीतर जलायें
विश्वास की इक शक्ति जगायें
तिमिर को भेदे आगे बढ़ें
संघर्ष की आँधियों से लड़ें
नयी आभा स्वयं मे भर दें
प्रभा का फिर संचार कर दें
जगमगाता सुप्रभात नया
सुंदर प्रफुल्लित आनंद भरा
हर कोना और दर सजायें
ऐसी दीवावली मनाएँ ।।