ऐसा हिंदुस्तान बनाते हैं
चलो आज मिलकर इस जग में
एक नई अलख जगाते हैं
थोड़ी कोशिश तुम करना और
थोड़ी हम कर जाते हैं
चलो आज हम अपने मन के
सारे मैल मिटाते हैं
मिलजुल कर हम रहें यहाँ पर
ऐसा हिंदुस्तान बनाते हैं
न हो झगड़े यहाँ कभी अब
नाम धरम जाती का लेकर
बाट सके न कोई अब हमें
ऐसा प्रण कर जाते हैं
मिलजुल कर हम रहें यहाँ पर
ऐसा हिंदुस्तान बनाते हैं
न हो दंगे अब सड़कों पर
न हो यहाँ क्लेश कोई
देखे अगर आँख उठाकर दुश्मन
उनका सीना छलनी कर जाते हैं
मिल जुल कर हम रहें यहाँ पर
ऐसा हिंदुस्तान बनाते हैं
आये न कोई कसाब यहाँ
न कोई यहाँ अब बानी बने
जो सुभाष का नारा था वो
हर युवाओं की जुबानी बने
विश्व पटल पर नाम देश का
चलो रौशन कर जाते हैं
चलो अपने देश के नाम का
फिरसे परचम लहराते हैं
चलो आज मिलकर इस जग मे
एक नई अलख जगाते हैं
थोड़ी कोशिश तुम करना और
थोड़ी हम कर जाते हैं
चलो आज हम अपने मन के
सारे मैल मिटाते हैं
मिलजुल कर हम रहें यहाँ पर
ऐसा हिंदुस्तान बनाते हैं
©अभिषेक कुमार दुबे
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