” ऐसा भी एक दोस्त “
ऐसा भी एक दोस्त लगभग सबकी जिंदगी में होता है ,
झगड़ा भी उसी से करते हैं ,
खोने का डर भी उसी का होता है ।
पल भर में रूठ कर ,
मनाना भी उसी को होता है ,
लिंग – भेद सब भूल कर ,
प्यार भी उसी को जताना होता है ।
उससे होने वाला तकरार भी ,
बड़ा मीठा सा होता है ,
कभी बड़ा बन उसे समझाना ,
कभी खुद बच्चा बन ,
परेशान भी उसी को करना होता है ।
कभी उससे आंखें चुरा ,
सब दर्द अकेले ही सहना होता है ,
कभी उसे अनदेखी कर ,
उसकी तस्वीर से ही बात कर लेना होता है ।
किसी अन्य दोस्त के साथ देख ,
थोड़ा ना भी सूकड़ाना होता है ,
उसकी खुशी के आगे ,
अपना दर्द भुलाना होता है ।
उसके साथ लड़कपन करना ,
हर धन से मूल्यवान होता है ,
उसकी यादों में खो जाना ,
और कभी खुद को अकेला पा कर ,
थोड़ा आंसू बहाना भी होता है ।
कभी छोटी सी बात का ,
उल्टा मतलब निकाल कर ,
बात – चीत बंद होता है ,
कभी बात नहीं करेंगे , ना मिलेंगे ,ना ही याद करेंगे गुस्से में कुछ ऐसा फैसला होता है ।
बिना उससे बात किए ,
किसी काम में मन नहीं होता है ,
बार बार सोच कर उसके बारे में ,
मोबाइल में नम्बर देकर ,
फोन कर बात करने का मन होता है ।
भले बात ना रोज़ ,
लेकिन महसूस किए बिना ,
सुबह से शाम नहीं होता है ,
बरसों बाद भी मिले ,
पहली बार सा महसूस होता है ।
कुछ दिन में ही ,
किसी एक से तो पहल हो जाता है ,
हृदय की सब बात कहकर ,
उसके सामने दिल बच्चा बनकर रोता है ।
खुद कुछ खाने से पहले ,
एक दुसरे को खिलाना होता है ,
हर दिन की शुरुआत ,
एक – दूजे के साथ होता है ।
इसलिए दोस्त दुनिया में ,
जन्म से ही खुद नहीं होता है ,
लगभग सबके जीवन में ,
अनोखा एक ऐसा दोस्त जरूर होता है ।
? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️