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6 Jul 2020 · 1 min read

ऐसा नहीं मालिक तेरी रहमत नहीं मिलती

ऐसा नहीं मालिक तेरी रहमत नहीं मिलती
अपनों से मगर सच्ची मुहब्बत नहीं मिलती

ऐसे में तो दिखती नहीं मिलने की भी सूरत
कहते हैं वो मरने की भी फुर्सत नहीं मिलती

गर पाक मुहब्बत मिले ठुकरा नहीं देना
सबको यहाँ पर प्यार की दौलत नहीं मिलती

जिसके जरा छूने से ही माटी बने सोना
ऐसी भली सबको यहाँ किस्मत नहीं मिलती

सीरत तो बना सकते हैं हम जैसी भी चाहें
मन की तो हमें देखिये सूरत नहीं मिलती

दामन पे कोई दाग न लगने कभी देना
वापस कभी खोई हुई इज़्ज़त नहीं मिलती

हिम्मत से करो ‘अर्चना’ अपने से अलग ये
है कौन गले जिससे मुसीबत नहीं मिलती

06-07-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

2 Likes · 1 Comment · 390 Views
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