ऐसा तो हमने कभी सोचा नहीं
ऐसा तो हमने कभी सोचा नहीं।
क्या सोचता है कोई हमारे लिए।।
चाहता है कौन हमको यहाँ।
सजाता है कौन खुद हमारे लिए।।
ऐसा तो हमने———————।।
गुम हैं हम तो अपने जहां में।
किसी और जहां की हमको खबर नहीं।।
फुरसत नहीं हमको इसके लिए।
दिल पर किसी का कोई असर नहीं।।
देखता है यहाँ कौन ख्वाब हमारे।
सपनें आँखों में हमारे लिए।।
ऐसा तो हमने——————–।।
हम यहाँ किसी से क्या उम्मीद करें।
दिल यहाँ बदल जाते हैं पल में।।
निभाता नहीं कोई यहाँ अपना वादा।
करते हैं परदा दिल पे असल में।।
इंतजार किसको है यहाँ पर।
बहाता है कौन आँसू हमारे लिए।।
ऐसा तो हमने——————।।
आखिर वह हमसे मिले तो सही।
देखें हम भी उसको कैसा है वह।।
कुर्बान क्यों दिल हमपे किया है।
चाहता है साथ क्यों हमारा वह।।
करता है कोई हमको भी याद यहाँ।
खुदा से दुहा कोई हमारे लिए।।
ऐसा तो हमने——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)