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6 Aug 2021 · 1 min read

ऐलान-ए-हक़

अनलहक का
ऐलान है
मेरी शायरी!
बगावत का
पैग़ाम है
मेरी शायरी!!
मज़हब और
सियासत की
साज़िश के ख़िलाफ़!
जद्दोजहद का
सामान है
मेरी शायरी!!
Shekhar Chandra Mitra
#freedomofspeech

Language: Hindi
231 Views
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