ऐब अपने छुपा रहे हैं वो
ऐब अपने छुपा रहे हैं वो
सबको दर्पण दिखा रहे हैं वो
क़त्ल करके हमारी नींदों को
ख्वाब अपने सजा रहे हैं वो
मैंने इक बात ही कही उनसे
कितनी बातें सुना रहे हैं वो
आये तो हैं मिरी अयादत को
हाल अपना सुना रहे हैं वो
जिनको मंज़िल न मिल सकी अब तक
रस्ता मुझको दिखा रहे हैं वो
करके वीरान बस्तियां आतिफ़
गीत महलों में गा रहे हैं वो
इरशाद आतिफ़ अहमदाबाद
9173421920