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14 Dec 2022 · 1 min read

ऐनक

ऐनक मेरा कितना प्यारा,
पहनू तो लगता हूँ न्यारा,
धूप छाँव में रंग है बदले,
चेहरे की रौनक है खिले,
सुंदर हीरो सा भी दिखते हो।

ऐनक आँखों का सच्चा मित्र,
नजरें धुधलि हो दूर या करीब,
दूर-समीप दृश्य को करें स्पष्ट ,
नजरों के विकार दूर रखे,
जीवन को दे नया आयाम ।

ऐनक करें न किसी की परवाह,
बिन ऐनक के हुए बहुत लचार,
सही समय पर पहनो ऐनक को,
बिना शर्म और बड़े शौक से,
बुजुर्ग बच्चे हो या जवान।

ऐनक एक कोशिश है,
दुनियाँ के रंग दिखाने की,
नजरें छिपि हुई जो आँखों में,
बदहाल जीवन में उत्साह जगाने को,
सही नजरों का उपचार दिलाने को।

रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।

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