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8 May 2024 · 1 min read

ऐ!दर्द

इस्तकबाल तेरा
दिल की दहलीज पर,
महबूब याद आता है
तेरी दस्तक से ।
ऐ!दर्द तुझे भुलाना
कमफहमी होगी मेरी,
तेरे बगैर आना जाना
मुकम्मल नहीं होता ।

Language: Hindi
132 Views
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