Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2018 · 1 min read

ए बादल जा तनिक ठहर

ए बादल जा तनिक ठहर,
मित्र रहता मेरा दूर शहर,
देना मेरी उसको यह खबर,
बिन उसके सूना मेरा घर,
जीवन का बीत रहा पहर,
पल पल ढहा रहा कहर,
लौटा दे खुशियों की लहर,
निराशा को मिटा दे आकर,
बड़ी कठिन है यह डगर,
दिखता है आँसुओ का भंवर,
बिन उसके सूखा है मेरा सावन,
हरा भरा मन बन गया निर्जन,
ऐ मेघ! कहना मित्र से…
मित्रता से न बढ़कर कोई जग में,

।।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all

You may also like these posts

अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख,
अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख,
Kalamkash
..
..
*प्रणय*
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Sanjay ' शून्य'
कभी-कभी खामोशी की,
कभी-कभी खामोशी की,
अनिल "आदर्श"
अब तो तुम्हारी मांग में सिंदूर भरने के बाद ही,
अब तो तुम्हारी मांग में सिंदूर भरने के बाद ही,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ई वी एम (हास्य व्यंग) मानवीकरण
ई वी एम (हास्य व्यंग) मानवीकरण
guru saxena
*Deep Sleep*
*Deep Sleep*
Poonam Matia
गिरगिट तो संसार में,
गिरगिट तो संसार में,
sushil sarna
इतना विश्वास है तुम पर प्रभु जी
इतना विश्वास है तुम पर प्रभु जी
Buddha Prakash
कमी नहीं
कमी नहीं
Dr fauzia Naseem shad
किसी के इश्क़ में दिल को लुटाना अच्छा नहीं होता।
किसी के इश्क़ में दिल को लुटाना अच्छा नहीं होता।
Phool gufran
2865.*पूर्णिका*
2865.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
याद दिल में जब जब तेरी आईं
याद दिल में जब जब तेरी आईं
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
24. इल्जाम
24. इल्जाम
Rajeev Dutta
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
"ऐ जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
*ऐसा हमेशा कृष्ण जैसा, मित्र होना चाहिए (मुक्तक)*
*ऐसा हमेशा कृष्ण जैसा, मित्र होना चाहिए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
निशब्द
निशब्द
NAVNEET SINGH
मंत्र,तंत्र,यंत्र और षडयंत्र आर के रस्तोगी
मंत्र,तंत्र,यंत्र और षडयंत्र आर के रस्तोगी
Ram Krishan Rastogi
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
ज़ख़्म मेरा, लो उभरने लगा है...
ज़ख़्म मेरा, लो उभरने लगा है...
sushil yadav
उत्पादन धर्म का
उत्पादन धर्म का
Arun Prasad
शायरी
शायरी
कवि कृष्णा बेदर्दी 💔
सहज रिश्ता
सहज रिश्ता
Dr. Rajeev Jain
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
नशा
नशा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
आत्मज्ञान
आत्मज्ञान
Shyam Sundar Subramanian
रहब यदि  संग मे हमर , सफल हम शीघ्र भ जायब !
रहब यदि संग मे हमर , सफल हम शीघ्र भ जायब !
DrLakshman Jha Parimal
Loading...