*ए.पी. जे. अब्दुल कलाम (गीतिका)*
ए.पी. जे. अब्दुल कलाम (गीतिका)
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(1)
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने मानव-दीप जलाया
उच्च यही आदर्श एक, जीवन-भर सदा निभाया
(2)
सर्वधर्म समभाव निरन्तर जिनके भीतर पाया
तनिक साम्प्रदायिकतावादी भाव न जिनमें आया
(3)
पद पर जब वह बैठे तो, गरिमा उसकी बढ़ती थी
बैठ राष्ट्रपति के पद पर, पद का ही मान बढ़ाया
(4)
वह वैज्ञानिक नहीं सिर्फ थे, दृष्टिकोण अपनाया
भारत की सुन्दर बगिया को और-और महकाया
(5)
वह थे भारत रत्न वास्तविक, उन-सा और न देखा
आजीवन जीवन-मूल्यों को सुंदर सुगढ़ बनाया
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451