ए खुदा
ए खुदा तू कितना अजीब है
कोई आसमा से ऊंचा कोई जमीं के करीब है !!
किसी को खुशियां देता किसी का खुशियां छिनता
कोई महलों में सोता कोई सड़कों पर तारे गिनता
क्या सबका अपना अपना नसीब है
ए खुदा ••••••••
लाखो जन्म है लेते लाखों मर जाते हैं
किसी का नाम ना होता कई अमर हो जाते हैं
कोई दूर किसी से कोई बहुत करीब है
ए खुदा●●●●●●●
किसी को धन दीया किसी को मन दिया
किसी के जीवन में अशांति किसी को शांति और अमन दिया
पता नहीं यह कैसी तरकीब है
ए खुदा तू कितना अजीब है !!
सुनिल गोस्वामी